नैथन लॉयन - घास काटने से लेकर क्रिकेटर बनने तक सफर
एडिलेड टेस्ट में भारत के खिलाफ मैच में हीरो रहे ऑस्ट्रेलियाई स्पिनर नैथन लॉयन की कहानी कुछ ऐसी है जिसे सुनकर आपको लगेगा कि यह सच नहीं कोई कहानी है।
एडिलेड टेस्ट में भारत के खिलाफ मैच में हीरो रहे ऑस्ट्रेलियाई स्पिनर नैथन लॉयन की कहानी कुछ ऐसी है जिसे सुनकर आपको लगेगा कि यह सच नहीं कोई कहानी है।
सितंबर 2011 में श्रीलंका के खिलाफ टेस्ट मैच से अपने इंटरनेशनल करियर की शुरूआत करने वाले नैथन लॉयन ने एडिलेड ओवल की जिस पिच पर पांच विकेट लिए हैं आज से 3 साल पहले इसी एडिलेड ओवल मैदान पर वह घास काटा करते थे। वहां से उनके ऑस्ट्रेलिया की नेशनल टीम के लिए खेलने तक का सफर बहुत ही रोमांचक रहा था।
नैथन लॉयन एक दिन नेट्स में गेंदबाजी कर रहे थे,उस समय साउथ ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट टीम ( वेस्ट एंड रेडबैक्स) के डैरेन बेरी ने उन्हें गेंदबाजी करते हुआ देखा और वह लॉयन की गेंदबाजी से इतना प्रभावित हुए कि उन्होंने लॉयन को साउथ ऑस्ट्रेलिया की टी-ट्वंटी टीम में शामिल कर लिया। जनवरी 2011 में न्यू साउथ वेल्स के खिलाफ साउथ ऑस्ट्रेलिया के लिए अपना पहला मैच तरफ खेलते हुए उसी एडिलेड ओवल के मैदान में जिसमें वह घास काटते थे उन्होंने दो शानदार विकेट लिए थे। यहां से इंटरनेशनल टीम तक का सफर तय करने के लिए लॉयन को केवल 8 महीने का समय लगा औऱ श्रीलंका के खिलाफ अपने पहले टेस्ट मैच में ही उन्होंने दिखा दिया कि उन्हें चुनकर चयनकर्ताओं ने कुछ गलत नहीं किया। उन्होंने अपने पहले मैच की पहली पारी में शानदार 5 विकेट (कुल 6) लिए थे। ऑस्ट्रेलिया ने यह मैच 125 रनों से जीता था। इसके बाद नैथन लॉयन कभी रूके नहीं और लगातार अच्छा प्रदर्शन करते रहे और 35 टेस्ट मैचों में (भारत-ऑस्ट्रेलिया का मैच शामिल नहीं) शानदार 115 विकेट लिए। हालांकि वन डे में उन्हें ज्यादा मौके नहीं दिए लेकिन जो भी मिले उन मौकों पर वह कप्तान की उम्मीद पर खरे उतरे।
2012 में जब भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर गई थी तब एडिलेड टेस्ट से पहले नैथन लॉयन ने एक इंटरव्यू में कहा था कि ग्राउंड्समैन से टेस्ट क्रिकेटर बनने का ये सफ़र मेरे लिए बहुत अच्छा रहा है। लेकिन पिच और ग्राउंड बनाना मेरे लिए पुरानी बात हो गई है और अब मेरा ध्यान सिर्फ़ क्रिकेट खेलने पर है।
(सौरभ शर्मा/CRICKETNMORE)
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