इंटरनेशनल क्रिकेट के इतिहास का पहला मैच
क्रिकेट का इतिहास काफी पुराना है, इसकी शुरूआत इंग्लैड से हुई थी। इंग्लैंड और कई अन्य देशों ने क्रिकेट की शुरूआत के बाद कई मैच आपस में खेले लेकिन इसमें कोई ऑफिशियलमैच नहीं था ।
क्रिकेट का इतिहास काफी पुराना है, इसकी शुरूआत इंग्लैड से हुई थी। इंग्लैंड और कई अन्य देशों ने क्रिकेट की शुरूआत के बाद कई मैच आपस में खेले लेकिन इसमें कोई ऑफिशियल मैच नहीं था । क्रिकेट के जन्मदाता इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच पहला ऑफिशियल टेस्ट मैच 15 मार्च 1877 में खेला गया था । टेस्ट क्रिकेट के इतिहास के इस पहले मैच का गवाह बना था ऑस्ट्रेलिया का एतिहासिक मेलबोर्न क्रिकेट ग्राउंड। इंग्लैंड की टीम की कमान जेम्स लिलिव्हाइट के हाथों में दी गई थी और ऑस्ट्रेलिया की टीम की कप्तानी डेव ग्रोगरी कर रहे थे। दोनों कप्तान टॉस करने के लिए मैदान पर उतरे और डेव ग्रोगरी ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया।
उस समय मैच के समय के सीमा नहीं हुआ करती थी इसलिए यह मैच हार और जीत पर खत्म होना था। खिलाड़ियों के आराम के चौथा दिन रखा गया और एक ओवर में 4 गेंद फेंका जाना निश्चित हुआ। इस मैच को देखने के लिए करीब 1500 दर्शक जुटे थे।
इंग्लैंड की बल्लेबाजी और गेंदबाजी दोनों ही अच्छी थी लेकिन ऑस्ट्रेलिया भी बड़ी तेजी से अपने खेल में सुधार कर रहा था। लेकिन इंग्लैंड की टीम बिना आराम मिले लगातार क्रिकेट खेलने की वजह से काफी थकी हुई थी। इंग्लैंड 6 हफ्तों तक न्यूजीलैंड में क्रिकेट खेलने के बाद ऑस्ट्रेलिया आई थी। इंग्लैंड की टीम में कई खिलाड़ी ऐसे थे जो इस मैच या सीरीज के लिए उपलब्ध नहीं थे। इंग्लैंड की टीम के विकेटकीपर टैड पुले टीम से जुड़ नहीं पाए थे। पुले एक कट्टर जुआरी थे और एक सट्टेबाजी कांड में फंसने के बाद वह क्राइस्टचर्च जेल में बंद थे। आखों में इनफेक्शन के कारण रिजर्व विकेटरीपर हेनरी जेप भी विकेटकीपिंग करने में असमर्थ थे लेकिन अन्य विकेटकीपर नहीं होने के चलते उन्हें अंत में विकेटकीपिंग करनी ही पड़ी। इंग्लैंड की टीम के अंतिम 11 खिलाड़ियों में जेम्स साउथटर्न को शामिल किया गया। जेम्स साउथटर्न 49 साल 119 दिन की उम्र में इंटरनेशनल क्रिकेट में डेब्यू कर रहे थे। सबसे ज्यादा उम्र में इंटरनेशनल क्रिकेट में डेब्यू करने का रिकॉर्ड अभी भी साउथटर्न के नाम ही है।
खिलाड़ियों के खेलने को लेकर मेजबान टीम ऑस्ट्रेलिया को भी परेशानी हुई, ऑस्ट्रेलिया के महान तेज गेंदबाज फ्रेड स्पोफोर्थ ने यह मैच खेलने से इंकार कर दिया था। उनके इंकार करने का कारण यह था कि विकेटकीपर उनकी पसंद का नहीं था। इसके बाद सिलेक्टरों ने उनकी जगह फ्रैंक एलन को चुना पर वह भी मैच नहीं खेल पाए।
आखिरकार मुकाबला शुरू हुआ और इंटरनेशनल क्रिकेट के इतिहास की पहली गेंद अल्फ्रेड शॉ ने ऑस्ट्रेलिया के ओपनिंग बल्लेबाज चार्ल्स बैनरमैन को फेंकी थी। चार्ल्स बैनरमैन ने शानदार शतक बनाया। उन्होंने 165 रनों की ऐतिहासिक पारी खेली। यह इंटरनेशनल क्रिकेट का पहला शतक था और बैनरमैन के इंटरनेशनल करियर का पहला और आखिरी शतक था। इस मैच के बाद वह अपने पूरे करियर में कोई शतक नहीं लगा सके थे। बैनरमैन 165 रन बनाने के बाद रिटायर्ड हर्ट हो गए थे। इसी के साथ इंटरनेशनल क्रिकेट में रिटायर्ड हर्ट होने वाले भी वह पहले खिलाड़ी बन गए थे। उनके अलावा ऑस्ट्रेलिया का कोई और बल्लेबाज कुछ खास कमाल नहीं दिखा पाया था। ऑस्ट्रलिया ने पहली पारी में 169.3 ओवर में 245 रन बनाए थे।
इसके बाद इंग्लैंड की टीम बल्लेबाजी करने उतरी और विकेटकीपर हेनरी जप की साहसिक पारी की बदौलत इंग्लैंड ने पहली पारी में 196 रन बनाए। आखों में इनफेक्शन होते हुए हेनरी ने 63 रनों की साहसिक पारी खेली। उन्होंने इंग्लैंड की तरफ से पहली पारी में सबसे ज्यादा रन बनाए। उनके अलावा हैनरी चार्लवुड ने 36 और एनरी हिल ने नाबाद 35 रन की पारी खेली थी।
49 रनों की बढ़त के साथ ऑस्ट्रेलिया दूसरी पारी में बल्लेबाजी करने के लिए उतरी लेकिन इस बार उसकी शुरूआत पिछली पारी की तरह नहीं रही। पहली पारी में शतक लगाने वाले चार्ल्स बैनरमैन (4) दूसरी पारी में सस्ते में आउट हो गए और ऑस्ट्रेलिया की पारी बुरी तरह से लड़खड़ा गई। पहली पारी में इंग्लैंड के लिए अच्छी गेंदबाजी करने वाले एल्फ्रेड शॉ ने दूसरी पारी में भी शानदार गेंदबाजी की और 38 रन देकर ऑस्ट्रेलिया के पांच बल्लेबाजों को आउट किया। ऑस्ट्रेलिया दूसरी पारी में केवल 104 रन हीं बना पाई और उसने इंग्लैंड को जीत के लिए 154 रनों का लक्ष्य दिया।
देखने में जीत के लिए यह लक्ष्य काफी आसान लग रहा था लेकिन ऐसा हुआ नहीं ऑस्ट्रेलिया के गेंदबाजी आक्रामण के आगे इंग्लैंड की पूरी टीम तास के पत्तों की तरह ठह गई। टॉम केंडल की 55 रनों पर 7 विकेट की कहर बरपाती गेंदबाजी के आगे इंग्लैंड की टीम 108 रन पर ही ऑल आउट हो गई और इसी के साथ ऑस्ट्रेलिया इंटरनेशनल क्रिकेट का पहला और ऐतिहासिक मैच 45 रनों से जीत चुका था।
इस सीरीज का अगला मैच इंग्लैंड ने जीता और सीरीज 1-1 से बराबर रही। टेस्ट क्रिकेट के 100 साल पूरे होने पर 12 मार्च 1977 में मेलबोर्न के ऐतिहासिक मैदान पर ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच टेस्ट मैच खेला गया और ऑस्ट्रेलिया ने यह मैच में 45 रन से जीता।
(सौरभ शर्मा)
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