वर्ल्ड कप फ्लैशबैक: एक नजर 1996 क्रिकेट वर्ल्ड कप पर

Updated: Sun, May 05 2019 11:50 IST
Image - Cricketnmore

साल 1996 में 50-50 वर्ल्ड कप का छठा संस्करण खेला गया। यह दूसरा मौका था जब भारत और पाकिस्तान ने वर्ल्ड कप की संयुक्त मेजबानी की और पहली बार श्रीलंका को भी आयोजन का हिस्सा बनाया गया। इस दौरान भारत ने 17, पाकिस्तान ने 16 तो वहीं श्रीलंका ने 4 मैचों की मेजबानी की। श्रीलंका ने फाइनल में ऑस्ट्रेलिया को हराकर वर्ल्ड कप का ख़िताब अपने नाम किया। 

टूर्नामेंट में कुल 12 टीमों ने हिस्सा लिया जिन्हें 2 ग्रुप में बांटा गया। ग्रुप 'ए' में श्रीलंका, ऑस्ट्रेलिया, भारत,वेस्टइंडीज, जिम्बाब्वे और केन्या की टीम आपस में भिड़ी। ग्रुप 'बी' में साउथ अफ्रीका, पाकिस्तान, न्यूज़ीलैंड, इंग्लैंड, सयुंक्त अरब अमीरात तथा नीदरलैंड की टीमों के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिला।

ग्रुप स्टेज में जबरदस्त टक्कर के बाद इंग्लैंड, श्रीलंका, भारत ,पाकिस्तान, वेस्टइंडीज, साउथ अफ्रीका,न्यूज़ीलैंड तथा ऑस्ट्रेलिया की टीम ने क्वार्टर फाइनल में क्वालिफाई किया। 

पहले क्वार्टर फाइनल में श्रीलंका ने इंग्लैंड को 5 विकेट से हराया तो वहीं दूसरें में भारत ने पाकिस्तान को 39 रनों से परास्त किया। तीसरे मुकाबले में वेस्टइंडीज ने साउथ अफ्रीका को 19 रनों से मात दी और

चौथे क्वार्टर फाइनल मुकाबलें में ऑस्ट्रेलिया ने न्यूज़ीलैंड को 6 विकेट से रौंदा।

क्वार्टर फाइनल मुकाबलों में जीत के बाद भारत, श्रीलंका, ऑस्ट्रेलिया और वेस्टइंडीज की टीम ने सेमीफाइनल में अपनी जगह बनायीं।

पहला सेमीफाइनल - भारत बनाम श्रीलंका

ईडन गार्डन्स के स्टेडियम पर भारत और श्रीलंका के बीच पहला सेमीफाइनल मुकाबला हुआ। श्रीलंका ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 50 ओवरों में 8 विकेट पर 251 रन बनाए। लक्ष्य का पीछा करने उतरी भारतीय टीम की शुरुआत खराब रही और उन्होंने 120 के स्कोर पर 8 विकेट गवा दिए। वर्ल्ड कप के ऐसे अहम मुकाबलें में भारतीय टीम को इस कदर हारता देख भारतीय दर्शकों ने स्टेडियम पर उपद्रव करते हुए बोतल मैदान पर फेंकने लगे और यहां तक कि एक जगह स्टैंड में आग भी लगा दी थी।

बाद में मैच रेफरी क्लाइव लॉयड ने श्रीलंका को विजेता घोषित कर दिया था। श्रीलंका के तरफ से अरविंद डी सिल्वा को उनकी 66 रनों की बेजोड़ पारी के लिए 'मैन ऑफ द मैच" अवॉर्ड से नावजा गया।

 

दूसरा सेमीफाइनल - ऑस्ट्रेलिया बनाम वेस्टइंडीज

दूसरा सेमीफाइनल मुकाबला ऑस्ट्रेलिया और वेस्टइंडीज के बीच मोहाली के स्टेडियम पर खेला गया। ऑस्ट्रेलियाई टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 50 ओवरों में 8 विकेट पर 208 रनों का सम्मानजनक लक्ष्य खड़ा किया। लक्ष्य का पीछा करने उतरी वेस्टइंडीज की टीम ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों के सामने टिककर नहीं खेल पाई और 49.3 ओवरों में 202 रनों पर ऑल आउट हो गई।

ऑस्ट्रेलिया के दिग्गज स्पिनर शेन वॉर्न को उनकीं शानदार गेंदबाजी (4/36) के लिए "मैन ऑफ द मैच" अवॉर्ड सौंपा गया।

फाइनल - ऑस्ट्रेलिया बनाम श्रीलंका

17 मार्च को ऑस्ट्रेलिया और श्रीलंका के बीच लाहौर के गद्दाफी स्टेडियम पर फाइनल मुकाबला हुआ। पहली बार श्रीलंकाई टीम ने फाइनल में अपनी जगह बनाई थी। ऑस्ट्रेलिया ने मैच में पहले बल्लेबाजी करते हुए 50 ओवरों में 7 विकेट के नुकसान पर 241 रन बनाए। 242 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी श्रीलंका ने 46.2 ओवरों में 3 विकेट के नुकसान पर ही लक्ष्य को हासिल कर लिया।

श्रीलंका इस 7 विकेट की जीत के साथ पहली बार वर्ल्ड चैंपियन बनीं। श्रीलंका के अरविंद डी सिल्वा को उनकी 107 रनों की शतकीय पारी के लिए "मैन ऑफ द मैच" के अवार्ड से नावजा गया।

सनथ जयसूर्या को टूर्नामेंट में उनके ऑलराउंड प्रदर्शन के लिए (221 रन तथा 7 विकेट) "प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट" अवॉर्ड से नवाजा गया। 

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