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Cricket History - कहानी भारत की पहली टेस्ट जीत की

10 फरवरी,1952 - यह तारीख भारतीय क्रिकेट इतिहास के सुनहरे अक्षरों में दर्ज है। भारतवर्ष ने अपने देश के क्रिकेटरों को साल 1932 में पहली बार टेस्ट क्रिकेट खेलने का स्वाद चखते हुए देख लिया था लेकिन अभी भी पहली

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India's First Test Victory 1952 vs England
India's First Test Victory 1952 vs England (Image Source - Google)
Shubham Shah
By Shubham Shah
Jan 29, 2021 • 10:21 AM

10 फरवरी,1952 - यह तारीख भारतीय क्रिकेट इतिहास के सुनहरे अक्षरों में दर्ज है। भारतवर्ष ने अपने देश के क्रिकेटरों को साल 1932 में पहली बार टेस्ट क्रिकेट खेलने का स्वाद चखते हुए देख लिया था लेकिन अभी भी पहली जीत ना मिलने की टीस उनके दिल में थी। हालांकि इस पहली जीत के लिए 20 साल का लंबा इंतजार करना पड़ेगा यह किसी ने सोचा नहीं था। 

Shubham Shah
By Shubham Shah
January 29, 2021 • 10:21 AM

लेकिन हर लंबी काली रात के बाद एक नया सवेरा आता है, आखिरकार वो ऐतिहासिक दिन आया और भारत ने 1952 में मद्रास (चेन्नई) में खेले गए मुकाबले में इंग्लैंड को पटखनी देकर क्रिकेट के सबसे लंबे फॉरमेट में पहली जीत हासिल की। जिस मैच में भारत को अपनी पहली टेस्ट जीत मिली वो भारत का 25वहां टेस्ट मुकाबला था। 

साल 1951 की सर्दियों में इंग्लैंड की टीम भारत आई। इससे पहले अंग्रेजों ने 3 बार भारतीय सरजमीं पर टेस्ट सीरीज खेली थी जिसमें हर बार भारतीय टीम ने मेहमानों से मुंह की खाई थी। लेकिन इस बार कुछ अलग हुआ। 5 मैचों की इस सीरीज के शुरूआती 3 मैच जो ड्रॉ रहें फिरोजशाह कोटला, ब्रेबोर्न स्टेडियम और ईडन गार्डन्स में खेले गए थे। 

चौथे टेस्ट में इंग्लैंड ने स्पिन से भारतीयों को दी मात

12 जनवरी 1952 को सीरीज का चौथा टेस्ट मैच कानपूर के ग्रीन पार्क स्टेडियम में शुरू हुआ। भारत के कप्तान विजय हजारे ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया लेकिन भारतीय बल्लेबाजों ने इंग्लैंड के दो स्पिनर रॉय टेटरसेल और मेलकम हिल्टन के सामने घुटने टेक दिए। टेटरसेल ने 6 विकेट हासिल किए तो वहीं हिल्टन ने 4 विकेट चटकाए। भारत की पहली पारी 121 रनों पर सिमट गई। एक शानदार जवाब देते हुए इंग्लैंड ने पहली पारी में बोर्ड पर 203 रन बनाए और उन्हें 82 रनों की बढ़त मिली। 

सभी को उम्मीद थी कि दूसरी पारी में भारतीय बल्लेबाज शायद इंग्लैंड के स्पिनरों को पार पा जाए लेकिन एक बार फिर चूक हुई और दूसरी पारी में सभी विकेट खोकर टीम ने 157 रन ही बनाए। अब इंग्लैंड को जीत के लिए 76 रनों की जरूरत थी जिसे टीम ने 2 विकेट के नुकसान पर आसानी से हासिल कर लिया।

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