Cricket Tales: डॉक्टर टेस्ट क्रिकेटर जो अपने पेशे की वजह से एक टेस्ट खेलकर ही रिटायर हो गया
#CricketTales -ऑस्ट्रेलिया के जॉर्ज थॉमस, जो 27 साल की उम्र में रिटायर हुए- विक्टोरिया स्टेट के क्रिकेटर और एक टेस्ट खेले। उनके नाम के साथ जुड़ी सबसे अनोखी बात है उनका काम- वे मेडिकल डॉक्टर थे। डॉक्टर तो और भी
पाकिस्तान से आई एक खबर ने सभी को हैरान कर दिया- 18 साल की उम्र में ही आयशा नसीम, इस्लामी सिद्धांतों के प्रति अपनी भक्ति का हवाला देते हुए, इंटरनेशनल क्रिकेट से रिटायर हो गई। आयशा के टेलेंट की तारीफ़ करने वालों में वसीम अकरम भी थे। इस खबर में सबसे ख़ास है आयशा की उम्र- उस उम्र में रिटायर, जिस उम्र तक ज्यादातर खिलाड़ी इंटरनेशनल क्रिकेट खेलना भी शुरू नहीं कर पाते। आयशा तो 4 वनडे और 30 टी20 इंटरनेशनल मैच में खेल चुकी थीं पाकिस्तान के लिए।
इस खबर पर वे खिलाड़ी फोकस में आ गए जिन्होंने आयशा की तरह से, 'कम' उम्र में किसी और काम के लिए क्रिकेट को अलविदा कहा। इस लिस्ट में नाम तो कई हैं पर एक किस्सा एक ऐसे क्रिकेटर का है जिसने वह 'काम' किया जो संभवतः आज तक किसी और क्रिकेटर ने नहीं किया है। बड़ी मजेदार स्टोरी है ये।
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ये क्रिकेटर थे ऑस्ट्रेलिया के जॉर्ज थॉमस, जो 27 साल की उम्र में रिटायर हुए- विक्टोरिया स्टेट के क्रिकेटर और एक टेस्ट खेले। उनके नाम के साथ जुड़ी सबसे अनोखी बात है उनका काम- वे मेडिकल डॉक्टर थे। डॉक्टर तो और भी क्रिकेटर रहे हैं पर जॉर्ज संभवत एकमात्र टेस्ट क्रिकेटर हैं जो गायनेकोलॉजिस्ट (स्त्री रोग विशेषज्ञ) थे। इतने मशहूर सर्जन कि ऑस्ट्रेलिया में उनका जिक्र, क्रिकेट से कहीं ज्यादा मेडिकल में होता है- कई नई शुरुआत, 70 के दशक में ऑस्ट्रेलिया में लेजर सर्जरी और आधुनिकता लाने का श्रेय उन्हें दिया जाता है।
अब सवाल ये है कि थॉमस इतनी कम उम्र में रिटायर क्यों हुए? जब वे टेस्ट खेले तो उन्हें अहसास हुआ कि यहां तो कहीं बेहतर दर्जे की और 'खतरनाक' तेज गेंदबाजी खेलनी होगी। इस डर से कि कहीं क्रिकेट की वजह से उनके हाथ में चोट लगने से एक सर्जन के तौर पर उनका करियर खत्म न हो जाए- वे एक टेस्ट खेलने के बाद ही रिटायर हो गए। उसके बाद ऑस्ट्रेलिया के सबसे प्रतिष्ठित सर्जन में से एक बन गए।
क्रिकेटर भी कमाल के थे- 3 शतक और तेज गेंदबाजों के जोर वाले युग में 35+ औसत फर्स्ट क्लास क्रिकेट में और 1951-52 में अपना पहला टेस्ट खेले। ये टेस्ट था जनवरी 1952 में वेस्टइंडीज के विरुद्ध सिडनी में। सीरीज के पहले 4 टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया 3-1 से आगे था। सीरीज तो वे जीत ही चुके थे, इसलिए इस आख़िरी टेस्ट में, सेलेक्टर्स ने नई टेलेंट को मौका देने का फैसला लिया। रिची बेनो, जॉर्ज थॉमस और कॉलिन मैकडोनाल्ड ने एक साथ डेब्यू किया। टीम से निकाले गए- आर्थर मोरिस, जैक मॉरोने और इयान जॉनसन।
इन बदलाव पर बड़ा हंगामा हुआ और कई दिन तक, इस बारे में, अखबारों में लिखा जाता रहा था। ख़ास तौर पर एक साथ दो न्यू साउथ वेल्शमेन को टेस्ट टीम में लेने की आलोचना हो रही थी। टेस्ट टीम में उनके चयन से नाराज एक सीनियर रिपोर्टर ने लिखा- 'स्टॉज' और 'स्प्लॉज' ऑस्ट्रेलिया के लिए पारी की शुरुआत करेंगे। मैकडॉनल्ड्स ने हमेशा कहा- 'हमें कभी पता नहीं चला कि स्टॉज कौन था और स्प्लॉज कौन था?'
कॉलिन कैंपबेल मैकडोनाल्ड (47 टेस्ट) ने जॉर्ज के साथ ओपनिंग की और रिकॉर्ड ये बना कि अपने स्टेट (विक्टोरिया) और क्लब (मेलबर्न यूनिवर्सिटी) के ओपनर, अब टेस्ट में भी एक साथ ओपनर बने। ऐसी बहुत कम और मिसाल हैं। डॉ. जॉर्ज थॉमस ने 16 और 28 के स्कोर बनाए और 39 एवं 55 रन की पार्टनरशिप की। जॉर्ज के रिटायर होने के बाद ही मैकडॉनल्ड्स-जिम बर्क की जोड़ी ऑस्ट्रेलिया के ओपनर बने थे।
क्रिकेट में इस तरह से 'वन-टेस्ट वंडर' की लिस्ट में तो उनका नाम है पर सच ये है कि वे अपनी क्लासिक तकनीक के साथ एक कुशल रेड-बॉल क्रिकेटर थे। 21 साल की उम्र में फर्स्ट क्लास क्रिकेट में डेब्यू और इंटरनेशनल टीम में आने में 6 साल लग गए। 1951-52 के उस शेफ़ील्ड सीज़न में 500+ रन बनाने के बाद वेस्टइंडीज के विरुद्ध टेस्ट डेब्यू किया था- सिडनी की तेज पिच पर बड़े आत्मविश्वास से खेले थे। टेस्ट ऑस्ट्रेलिया ने जीता। थॉमस का ध्यान बहरहाल अपने मेडिकल करियर पर ज्यादा था और एक गायने डॉक्टर के तौर पर वे बड़े मशहूर हो रहे थे।
1955 में नए 205-बेड वाले फुटस्क्रे अस्पताल की शुरुआत की और उनकी खूबी की बदौलत ये ऑस्ट्रेलिया के सबसे बड़े रिसर्च सेंटर में से एक बन गया। और देखिए- अस्पताल में ऑनरेरी काम किया, कोई फीस नहीं ली। 76 साल की उम्र में उनका देहांत हुआ। थॉमस को 1996 में ऑर्डर ऑफ ऑस्ट्रेलिया मेडल से सम्मानित किया गया। मौत से कुछ हफ्ते पहले सिडनी में ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट के एक फंक्शन में शामिल हुए थे जिसमें ऑस्ट्रेलिया के लगभग 200 जीवित टेस्ट क्रिकेटर आए थे।
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क्रिकेट की चर्चाओं में उनके मेडिकल करियर और उनकी पत्नी का जिक्र कहीं नहीं होता पर इस स्टोरी में उनका भी योगदान है। थॉमस ने लंदन की खूबसूरत टीवी एक्ट्रेस फेलिसिटी यंग से शादी की। वे क्रिकेट और मेडिकल दोनों के बारे में ज्यादा नहीं जानती थीं पर फुर्सत मिले तो क्रिकेट मैच देखने पहुंच जाती थीं। ब्रिटिश टीवी में मेडिकल स्टोरी पर बनी आज तक की सबसे प्रसिद्ध सीरीज 'इमरजेंसी वार्ड 10' है और फेलिसिटी ने उसमें नर्स का रोल किया। स्टॉक पोजेस में ऑस्ट्रेलियाई जैक मेनिंग का बेनिफिट क्रिकेट मैच खेला गया। मैच देखने फेलिसिटी भी गईं और संयोग से ऐसे वक्त पहुंचीं जब जॉर्ज बैटिंग कर रहे थे। वे साइट स्क्रीन के आगे आ गईं और खेल रुक गया। बाद में 'नर्स' फेलिसिटी की डॉक्टर जॉर्ज से मुलाकात करवाई गई। पहली ही मुलाक़ात में दोनों अच्छे दोस्त बने। ये सितम्बर महीने की बात है और अगले साल मार्च में दोनों की शादी हो गई थी।
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