Ashes Special - तब ऑस्ट्रेलिया ने बेज़बॉल के शोर के बिना एक दिन में 721 रन बना दिए थे
Cricket Tales (Ashes Special) - अभी ऑस्ट्रेलिया की टीम के लिए डब्ल्यूटीसी फाइनल में जीत का जश्न भी ख़त्म नहीं हुआ था कि 16 जून से शुरू हो रही एशेज की चुनौती सामने आ गई। इस बीच इंग्लैंड की टीम
Cricket Tales (Ashes Special) - अभी ऑस्ट्रेलिया की टीम के लिए डब्ल्यूटीसी फाइनल में जीत का जश्न भी ख़त्म नहीं हुआ था कि 16 जून से शुरू हो रही एशेज की चुनौती सामने आ गई। इस बीच इंग्लैंड की टीम जोर-शोर से एशेज की तैयारी कर रही है और कोच ब्रेंडन मैकुलम के साथ एक बार फिर चर्चा बेज़बॉल की है- आसान भाषा में कहें तो इसका मतलब है इतनी तेजी से रन बनाना कि सामने वाली टीम का दम ही टूट जाए। मजे की बात ये है कि वे आज बेज़बॉल स्ट्रेटजी के साथ खेल रहे हैं- ऑस्ट्रेलिया वाले, ब्रैडमैन के साथ, इससे भी तूफानी अंदाज में खेलते थे। विश्वास न हो तो ऑस्ट्रेलिया के 1948 के एशेज टूर को ही देख लीजिए।
तब ऑस्ट्रेलिया ने बेज़बॉल के शोर के बिना एक दिन में 721 रन बना दिए थे
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ये वैसे तो ब्रैडमैन की आखिरी टेस्ट टेस्ट सीरीज के तौर पर मशहूर टूर है पर इसी ने उनकी टीम को 'द इनविनसिबल' का टाइटल दिलाया था। टूर के जिस मैच का ख़ास तौर पर जिक्र कर रहे हैं वह था एसेक्स के विरुद्ध था- यही वह टूर का ऐसा पहला मैच था जिसमें एक पारी में ऑस्ट्रेलिया के सभी 10 विकेट गिरे पर उससे पहले मेहमान टीम ने विश्व रिकॉर्ड स्कोर बना दिया था। 721 रन एक दिन में बने- इसमें सिर्फ 9 एक्स्ट्रा और एक भी लेग-बाय नहीं। टूर के पहले 5 फर्स्ट क्लास मैचों में ऑस्ट्रेलियाई टीम ने दिखा दिया था कि उनकी बल्लेबाजी कितनी मजबूत है और वे किस तेजी से स्कोर बना सकते हैं। 4 बार- एक दिन में 350+ और सरे के विरुद्ध तो पहले दिन 479-4 बनाए।
एसेक्स वाले मैच में ब्रैडमैन ने टॉस जीता। स्टेडियम साउथचर्च में 16,000 से ज्यादा दर्शक मौजूद थे और हर कोई ब्रैडमैन को उनके फेयरवेल टूर में पर एक्शन में देखना चाहता था। सिर्फ 95 मिनट के इंतजार के बाद ये मौका आ गया पर उससे पहले ब्राउन और बार्न्स ने पहले विकेट के लिए 145 रन जोड़ दिए थे। लंच पर ब्रैडमैन 42* पर थे और स्कोर 202-1 था।
जब तक ब्राउन आउट हुए- वह और ब्रैडमैन 90 मिनट में 219 जोड़ चुके थे और स्कोर 364-2 था। नए बल्लेबाज कीथ मिलर, एक तेज तर्रार और आक्रामक बल्लेबाज, पर उस दिन वे अलग मूड में थे और ऐसा मानते हैं कि इस तरह की बल्लेबाजी के 'विरोध' में 0 पर ही बोल्ड हो गए। इस बीच ब्रैडमैन ने 77 मिनट में शतक पूरा किया और कुल 124 मिनट में 187 रन बनाए- 32 चौके और एक स्ट्रोक 5 रन का। अब तक एसेक्स के गेंदबाज बुरी तरह थक चुके थे। रॉन हैमेंस ने 46 और फिर सैम लॉक्सटन-रिजर्व विकेटकीपर रॉन सैगर्स ने 6 वें विकेट के लिए 66 मिनट में 166 रन जोड़े। सैगर्स ने अपना पहला फर्स्ट क्लास शतक 94 मिनट में जबकि लॉक्सटन ने 76 मिनट में पूरा किया।
एसेक्स ने 57 रन में आख़िरी 4 विकेट लिए और दिन का खेल ख़त्म होने से 10 मिनट पहले पारी ख़त्म हुई- उसी वक्त भीड़ पिच की तरफ भाग पड़ी और ड्यूटी पर मौजूद मुट्ठी भर पुलिस वाले उन्हें रोक नहीं पाए। हर कोई खिलाड़ियों के ऑटोग्राफ लेना चाहता था।
ये माना जाता है कि इतना तेज स्कोरिंग रेट था कि जरूर स्कोरिंग में गलती हुई होगी। उस ग्राउंड में, स्कोर बोर्ड पर, 600 से ज्यादा का स्कोर दर्ज करने तक का इंतजाम नहीं था और इसलिए ऑस्ट्रेलिया की पारी पूरी होने पर, स्कोरबोर्ड की जो फोटो खींची गई उसमें उसका स्कोर 21 नजर आ रहा है- पहले कॉलम के लिए 7 की गिनती दर्ज करने का कोई इंतजाम ही नहीं था। दोनों तरफ से 4-4 शतक बने- ऑस्ट्रेलिया के बल्लेबाजों ने बनाए जबकि चार गेंदबाजों ने 100 से ज्यादा रन दिए। जवाब में एसेक्स ने 83 और 187 रन बनाए और ऑस्ट्रेलियाई टीम को टूर में पारी की 5वीं जीत मिली और मजे की बात ये कि मैच दो दिन के खेल में खत्म हो गया।
ये वह टूर था जिसमें ऑस्ट्रेलिया ने कोई मैच नहीं हारा और टेस्ट सीरीज 4-0 से जीत ली- 24 पारियों में 350+ रन और टेस्ट के बाहर, उनके विरुद्ध सबसे बड़ा स्कोर नॉटिंघमशायर के 299-8 थे। डॉन ब्रैडमैन ने टूर पर 89.92 के औसत से 11 शतक के साथ 2428 रन बनाए।
लगभग 6 घंटे में कुल 721 रन कोई मजाक नहीं- एसेक्स ने भी 21.3 के ओवर रेट से उनकी मदद की और आस्ट्रेलियाई टीम ने 5.59 के रन रेट से स्कोरिंग की जो बेज़बॉल के युग में भी अभूतपूर्व है।
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