एन.श्रीनिवासन - क्रिकेट के ये हैं सिकंदर
एन.श्रीनिवासन इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल के पहले चैयरमैन बन गए हैं। श्रीनिवासन को दुनिया का सबसे पावरफुल क्रिकेट प्रशासक माना जाता है। वैसे उनका आईसीसी का चैयरमैन काफी पहले ही तय हो चुका था केवल औपचारिकताएं बाकी थी।
एन.श्रीनिवासन इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल के पहले चैयरमैन बन गए हैं। श्रीनिवासन को दुनिया का सबसे पावरफुल क्रिकेट प्रशासक माना जाता है। वैसे उनका आईसीसी का चैयरमैन काफी पहले ही तय हो चुका था केवल औपचारिकताएं बाकी थी। आइए जानतें हैं कि श्रीनिवासन ने आईसीसी के अध्यक्ष पद तक का सफर कैसे तय किया।
श्रीनिवासन ने 2001 में क्रिकेट प्रशासक के तौर पर अपना सफर शुरू किया था। सबसे पहले उन्होंने तमिलनाडु के वेल्लार जिला क्रिकेट के अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ा और जीते भी। क्रिकेट में उन्हें लाने का श्रेय तत्कालीन बीबीसीआई अध्यक्ष एसी मुथ्थैया ( अन्नामली चिदंबरम मुथैया) को दिया जाता है। मुथैया 1999 से से 2001 तक बीसीसीआई के अध्यक्ष थे। कहा जाता है कि दोनों कॉलेज के दोस्त थे।
मुथैया तमिलनाडु क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष भी थे। 2002 में जब उनका कार्यकाल पूरा हुआ तो श्रीनिवासन तमिलनाडु क्रिकेट एसोसिएशन के नए अध्यक्ष बने। बीसीसीआई के अध्यक्ष के तौर पर जगमोहन डालमिया का कार्यकाल खत्म होने के बाद जब शरद पवार ( 2005-08) बीसीसीआई के नए अध्यक्ष बने तो उन्हें बोर्ड का कोषाध्यक्ष बनाया गया।
अब शरद पवार की विदाई हुई तो शशांक मनोहर ने बीसीसीआई के अध्यक्ष पद की कुर्सी संभाली और श्रीनिवासन को बीसीसीआई का सचिव बना दिया गया। वह इस समय शशांक मनोहर के काफी खास माने जाते थे।
शंशाक मनोहर के बाद 2011 में श्रीनिवासन बीसीसीआई के तीसवें अध्यक्ष बने। अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने बोर्ड को वित्तिय रूप से मजबूत करने का काम किया। लेकिन 2013 में आईपीएल 6 में फिक्सिंग विवाद में उनका नाम सामनें आया जिसके बाद उन्हें अध्यक्ष पद छोड़ना पड़ा।
श्रीनिवासन की नजर आईसीसी के प्रमुख पद पर थी। इसकी जमीन श्रीनिवासन ने पहले से ही तैयार कर ली थी। पिछले साल इंडिया ने इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के क्रिकेट बोर्ड के साथ मिलकर आईसीसी की संरचना में बदलाव का प्रस्ताव पेश किया। इन फेरबदलों में आईसीससी में कई नए पद भी शामिल थे जिसमें एक नया चैयरमैन का पद भी था। अंर्तविरोध के बाद आईसीसी ने बदलाव के प्रस्ताव को मंदूरी दे दी। इन बदलावों की सबसे बड़ी वजह आईसीसी को होने वाली सालाना आय था जिसका लगभग 80 प्रतिशत उसे भारतीय बोर्ड द्वारा मिलता है।
इन बदलावों का का पहले विरोध हुआ लेकिन अंत में सभी सदस्य देशों ने इन बदलावों का स्वोगच किया। 8 फरवरी 2014 को सिंगापुर में हुई आईसीसी की बोर्ड मीटिंग में यह फैसला हुआ एन श्रीनिवासन जुलाई में नवगठित आईसीसी के पहले चैयरमैन बनेंगे। आईसीसी का यह नया ढांचा 2016 तक रहेगा।
सौरभ शर्मा
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