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T20 World Cup - एक नज़र अब तक हुए टी20 विश्व कप पर

T20 World Cup - एक नज़र अब तक हुए टी20 विश्व कप पर

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T20 World Cup History
T20 World Cup History (Image Source: Google)
Nishant Rawat
By Nishant Rawat
Oct 07, 2022 • 10:25 PM

T20 World Cup - एक नज़र अब तक हुए टी20 विश्व कप पर 

Nishant Rawat
By Nishant Rawat
October 07, 2022 • 10:25 PM

2007 – आखिरी ओवर में पाकिस्तान को हराकर भारत बना था विश्व विजेता

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टी-20 वर्ल्ड कप का पहला एडिशन साल 2007 में साउथ अफ्रीका में खेला गया था जिसे महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में भारतीय टीम ने जीतकर अपने नाम किया। यह टूर्नामेंट सिर्फ 13 दिनों तक चला, लेकिन इस दौरान क्रिकेट फैंस को कई ऐसी यादें मिली जिन्हें वह चाहकर भी नहीं भूला सकते। टूर्नामेंट के पहले मैच में कैरेबियाई टीम के स्टार बल्लेबाज़ क्रिस गेल ने साउथ अफ्रीका के खिलाफ तूफानी अंदाज में 57 गेंदों पर 117 रन ठोककर टी-20 इंटनेशनल की पहली ऑफिशियल सेंचुरी बनाई थी। हालांकि इसके बावजूद वेस्टइंडीज साउथ अफ्रीका के खिलाफ जीत दर्ज नहीं कर सकी थी। दरअसल, इस मैच में 206 रनों के पहाड़ जैसे लक्ष्य का पीछा करते हुए हर्षल गिब्स ने 55 गेंदों पर 90 और जस्टिन केम्प ने 22 गेंदों पर 46 रन जड़ दिए थे। इन दोनों खिलाड़ियों की परियों के दम पर साउथ अफ्रीका ने वेस्टइंडीज के मुंह से जीत महज़ 17.4 ओवर में 208 रन बनाकर छीन ली थी।

साल 2007 टी-20 वर्ल्ड कप की बात हो और युवराज का नाम सामने ना आए ऐसा हो ही नहीं सकता। युवराज सिंह टूर्नामेंट के स्टार थे। उन्होंने वर्ल्ड कप के दौरान इंग्लैंड के तेज गेंदबाज़ स्टुअर्ट ब्रॉड के एक ओवर की छह गेंदों पर छह छक्के जड़कर अपने नाम का डंका दुनियाभर में बजा दिया था।

बता दें कि इस टूर्नामेंट में भारत ने एक बार नहीं बल्कि अपनी चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान को दो बार मात दी थी। ग्रुप स्टेज में माही की टीम ने पाकिस्तान के साथ स्कोर लेवल होने के बाद बॉल-आउट में मुकाबला जीता था।

साल 2007 वर्ल्ड कप टूर्नामेंट का फाइनल भी बेहद ही रोमांचक था। यहां भी भारत के सामने पाकिस्तान की चुनौती थी। 39 ओवर तक चले बेहद ही करीबी मुकाबले के बाद इंडियन कैप्टन धोनी ने अंतिम ओवर में 13 रन बचाने की जिम्मेदारी जोगिंदर शर्मा को सौंपी थी। मिस्बाह उल हक और मोहम्मद आसिफ के रूप में पाकिस्तान की आखिरी जोड़ी मैदान पर खड़ी थी।

2007 T20 World Cup

मिस्बाह ने जोगिंदर शर्मा की शुरुआती दो गेंदों पर एक वाइड और एक छक्का जड़कर पाकिस्तान के स्कोर में 7 रन जोड़ दिए थे, लेकिन इसके बाद उन्होंने बड़ी गलती की। मिस्बाह ने स्कूप शॉट खेला जो कि सीधा शॉर्ट फाइन-लेग पर खड़े श्रीसंत के हाथों में चला गया। इस तरह भारतीय टीम इतिहास के पन्नों ने पहला टी20 वर्ल्ड कप का खिताब जीतने वाली टीम बन गई।

2009 – लॉर्ड्स में दिखा था अफरीदी शो

साल 2007 टी-20 वर्ल्ड कप में भारत के खिलाफ फाइनल में हार का जख्म लेने के बाद अगले ही साल पाकिस्तान ने विजेता का खिताब अपने नाम किया। इस साल शाहिद अफरीदी ने खूब सुर्खियां बटोरी।

फाइनल में अफरीदी के बैट से लॉर्ड्स के मैदान पर 135 की स्ट्राइक रेट से 54 रनों की पारी निकली जिसके दम पर पाकिस्तान ने 139 रनों का लक्ष्य 18.4 ओवर में प्राप्त करके टी-20 वर्ल्ड कप की ट्रॉफी जीती।

इससे पहले भी अफरीदी ने साउथ अफ्रीका के खिलाफ टूर्नामेंट के सेमी फाइनल में अपने बल्ले के आग उगली थी। इस मैच में उन्होंने 34 गेंदों पर 50 रन बनाए थे, वहीं गेंद के साथ उन्होंने 16 रन देकर 2 विकेट अपने नाम किए थे। बता दें कि इस टूर्नामेंट के पहले मैच में नीदरलैंड्स ने इंग्लैंड को 162 रनों का टारगेट चेज़ करते हुए मात दी थी।

2010 – ऑस्ट्रेलिया को हराकर चैंपियन बना था इंग्लैंड

पॉल कॉलिंगवुड की अगुवाई में इंग्लैंड की टीम साल 2010 में अपनी चिर प्रतिद्वंद्वी ऑस्ट्रेलिया को फाइनल में हराकर चैंपियन बनी थी। टूर्नामेंट की शुरुआत इंग्लिश टीम के लिए बिल्कुल भी यादगार नहीं रही थी, पहले मैच इंग्लैंड को वेस्टइंडीज से हार का सामना करना पड़ा था। वहीं दूसरे मैच में आयरलैंड ने उन्हें महज़ 120 रनों के स्कोर पर रोक दिया था, हालांकि यह मुकाबला बारिश के कारण पूरा नहीं हो सका था।

इस मैच के बाद इंग्लैंड ने एक चैंपियन की तरह वापसी की और पीछे मुड़कर नहीं देखा। इंग्लैंड ने शानदार प्रदर्शन करके फाइनल तक का सफर तय किया और अंत में ऑस्ट्रेलिया को हराकर विजेता का ताज पहना।

टूर्नामेंट के फाइनल में कप्तान पॉल कॉलिंगवुड ने विनिंग शॉट खेलकर इतिहास रचा। इस साल केविन पीटरसन अपनी बेहतरीन बल्लेबाज़ी के लिए प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट चुने गए थे।

2012- वेस्टइंडीज ने श्रीलंका से बदला लेकर जीता था वर्ल्ड कप

साल 2012 में टी-20 वर्ल्ड कप वेस्टइंडीज ने श्रीलंका को फाइनल में 36 रनों से हराकर उठाया था। इस सीज़न वेस्टइंडीज की कहानी पिछले वर्ल्ड कप विनर इंग्लैंड की तरह रही थी। दरअसल, वेस्टइंडीज को पहले मैच में ऑस्ट्रेलिया के हाथों हार का सामना करना पड़ा था, वहीं आयरलैंड के साथ हुआ दूसरा मैच बारिश के कारण धूल गया था।

इतना ही नहीं, इसके बाद सुपर 8 स्टेज में कैरेबियाई टीम को श्रीलंका से भी हार का सामना करना पड़ा, हालांकि इन सब के बावजूद वेस्टइंडीज ने सेमीफाइनल में अपनी जगह बना ली। सेमी फाइनल में कैरेबियाई टीम के सामने ऑस्ट्रेलिया की चुनौती थी और इस मैच में उन्होंने ऑस्ट्रेलिया को 74 रनों से बुरी तरह हराकर फाइनल का टिकट पक्का किया।

अब फाइनल में वेस्टइंडीज के सामने लंकाई टीम के रूप में आखिरी बाधा थी। यह मुकाबला जीतकर कैरेबियाई टीम सिर्फ खिताब ही नहीं बल्कि ग्रुप स्टेज में श्रीलंका से मिली हार का भी बदला ले सकती थी और हुआ भी कुछ ऐसा ही।

इस मुकाबले में डेरेन सैमी की टीम ने मार्लन सैमुअल्स की 74 रनों की पारी के दम पर 20 ओवर में श्रीलंका के सामने 138 रनों का लक्ष्य रखा। इसके जवाब में महेला जयवर्धने की टीम महज़ 101 रन ही बना सकी और पूरी तरह सिमट गई। सुनील नरेन मैच के हीरो थे। उन्होंने 3.4 ओवर में 9 रन देकर 3 विकेट अपने नाम किए, वहीं कप्तान डेरेन सैमी ने भी 2 ओवर में 6 रन खर्चकर 2 विकेट चटकाए।

2014 – यॉर्कर किंग की लीडरशीप में चैंपियन बना श्रीलंका

 

2014 T20 World Cupपिछले टी-20 वर्ल्ड कप के फाइनल में मिली हार का दर्द लिए साल 2014 में लंकाई टीम की कप्तानी यॉर्कर किंग लसिथ मलिंगा कर रहे थे। इस सीजन श्रीलंका की टीम गज़ब की फॉर्म में थी। उन्होंने ग्रुप 1 में नीदरलैंड्स को 39 और न्यूजीलैंड को 60 से हराकर टॉप स्थान प्राप्त किया था।

सेमीफाइल में लंकाई टीम की भिड़ंत वेस्टइंडीज के साथ हुई। यह वही टीम थी जिसने पिछले साल श्रीलंका को फाइनल में हराकर उनका विजेता बनने का सपना चकनाचूर कर दिया था, लेकिन इस बार इस मैच में श्रीलंका ने पहले बैटिंग करते हुए लाहिरू थिरिमाने(44), एंजेलो मैथ्यूज(40),और तिलकरत्ने दिलशान(39) की पारियों के दम पर 161 रनों का लक्ष्य वेस्टइंडीज के सामने रखा था। बारिश बाधित मैच में वेस्टइंडीज ने 13.5 ओवर में 4 विकेट गंवाकर 80 रन बनाए थे। जिसके बाद डीएलएस विधि के तहत लंकाई टीम ने 27 रनों से मैच जीता लिया।

टूर्नामेंट के फाइनल में भारत और श्रीलंका की टीम आमने-सामने थी। इस मैच में इंडियन टीम के स्टार बल्लेबाज़ विराट कोहली ने 77 रनों की पारी खेली, लेकिन टीम के बाकी बल्लेबाज़ अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सके।

श्रीलंका को विजेता बनने के लिए 131 रन चेज़ करने थे जिसे लंकाई टीम ने कुमार संगाकारा की 35 गेंदों पर खेली गई 52 रनों की तूफानी पारी के दम पर आसानी से हासिल किया।  
बता दें कि इस टूर्नामेंट में नीदरलैंड के एहसान मलिक साउथ अफ्रीका के इमरान ताहिर के साथ सबसे ज्यादा विकेट चटकाने वाले गेंदबाज़ रहे थे। दोनों ही खिलाड़ी ने 12-12 विकेट अपने नाम किए थे।

2016 – कार्लोस ब्रेथवेट ने इंग्लैंड के मुंह से छीन निकाली थी जीत

कार्लोस ब्रेथवेट, रिमेंबर दा नेम’ इयान बिशप के यह शब्द कोई भी क्रिकेट फैन नहीं भूला सकता। यह सीज़न कैरेबियाई खिलाड़ियों के नाम था। फाइनल में कार्लोस ब्रेथवेट ने मैच के अंतिम ओवर में इंग्लिश ऑलराउंडर बेन स्टोक्स की गेंदों पर एक के बाद एक लगातार चार छक्के जड़कर इतिहास के पन्नों पर खूद का नाम सुनहरे शब्दों में लिखवा दिया था।

इस मैच में वेस्टइंडीज को 20वें ओवर से 19 रनों की दरकार थी, लेकिन ब्रेथवेट ने स्टोक्स के ओवर में एक के बाद एक मॉन्स्टर छक्के लगाकर महज़ चार गेंदों में खेल खत्म किया था। इससे पहले कैरेबियाई ऑलराउंडर ने दो विकेट भी चटकाए थे।

मार्लन सैमुअल्स एक बार फिर बड़े गेम के बड़े खिलाड़ी साबित हुए थे। फाइनल में उन्होंने 85 रन जड़े थे। सैमुअल्स को फाइनल में प्लेयर ऑफ दा मैच के खिताब से सम्मानित किया गया था। टूर्नामेंट के दौरान सिक्सर किंग क्रिस गेल ने ग्रुप स्टेज में 47 गेंदों पर शतकीय पारी खेली थी। वहीं आंद्रे फ्लेचर ने पिछली साल की चैंपियन टीम श्रीलंका के खिलाफ 84 रन जड़े थे। लेंडल सिमंस ने सेमी फाइनल में भारत के खिलाफ 51 गेंदों पर 82 रन ठोके थे।

2021 – ऑस्ट्रेलिया ने जीता पहला टी-20 वर्ल्ड कप

टी-20 वर्ल्ड कप 2021 यूएई में खेला गया था जिसे ऑस्ट्रेलिया ने जीतकर अपने नाम किया। इससे पहले ऑस्ट्रेलिया पांच बार वनडे वर्ल्ड कप अपने नाम कर चुकी थी, लेकिन उन्हें अब तक टी-20 वर्ल्ड कप उठाने का सौभाग्य नहीं मिला था।

साल 2021 में एरोन फिंच की कप्तानी में ऑस्ट्रेलिया ने ग्रुप स्टेज में शानदार प्रदर्शन करके सेमीफाइनल की टिकट पक्की की और फिर पाकिस्तान को रोमांचक मुकाबले में हराकर फाइनल में अपनी जगह बनाई।

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फाइनल में न्यूजीलैंड के लिए मिचेल मार्श ने 77 रनों की पारी खेली और 8 विकेट से कीवी टीम को हराकर खिताब अपने नाम किया।

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