Cricket History - भारत का इंग्लैंड दौरा 1959

Updated: Sat, Feb 13 2021 09:44 IST
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140 सालों के क्रिकेट के इतिहास में इंग्लैंड ने सिर्फ एक बार ही किसी टीम को टेस्ट में 5-0 से हराया है और वो टीम कोई और नहीं बल्कि भारतीय टीम है। यह दौरा साल 1959 में हुआ था और भारतीय क्रिकेट के इतिहास में आज तक खेली गई सभी टेस्ट सीरीज में सबसे खराब गिनी जाती है। 

भारत के इस इंग्लैंड दौरे से एक साल पहले विजडन ने न्यूजीलैंड की टीम को इंग्लैंड जाने वाली सबसे ख़राब टीम का दर्जा दिया था । लेकिन इंग्लैंड की सरजमीं पर भारत के 5-0 से हारने के बाद भारतीय टीम को यह ख़िताब दिया गया।  

इस सीरीज में सिर्फ हार की बात नहीं थी बल्कि भारतीय टीम को जिस अंतर से हार मिली वो भी बेहद शर्मनाक रहा। पांच मैचों में से 3 में भारत को पारियों की हार मिली थी, वहीं एक में 8 विकेट की हार और एक में 171 रनों के बड़े अंतर के हार ने भारतीय टीम के मनोबल को तोड़ दिया।

इस दौरे पर भी भारतीय बल्लेबाजों को फ्रेड ट्रूमेन ने बेहद परेशान किया और उन्होंने 16.70 की औसत से कुल 24 बल्लेबाजों को पवेलियन का रास्ता दिखाया है। उनके साथी गेंदबाज ब्रायन स्थाथम ने भी कहर बरसाते हुए 13.11 के शानदार औसत से पांच मैचों की सीरीज में कुल 17 विकेट अपने नाम किए।

भारत के लिए परेशानी वेस्टइंडीज के खिलाफ घरेलू सीरीज से ही शुरू हुई थी और उस पांच मैचों की सीरीज में भारत ने 4 कप्तानों को आजमाया जिसमें पॉली उम्रीगर, गुलाम अहमद, वीनू मांकड और हेमू अधिकारी का नाम शामिल है।

और इंग्लैंड की इस सरजमीं पर भारतीय टीम की कमान दत्ता गायकवाड़ के हाथों में थी। दूसरे टेस्ट मैच में गायकवाड़ के चोटिल होने के बाद भारतीय टीम की कमान पंकज रॉय को सौंपी गई। इसका मतलब ये था कि भारतीय टीम ने पिछले 7 मैचों में कुल 6 कप्तान बदलें थे।

 

जब विजय मांजरेकर चोटिल हो गए तब भारतीय दर्शकों ने तब ओक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में पढ़ाई कर रहे अब्बास अली बेग को चौथे टेस्ट मैच में टीम में शामिल करने के लिए आवाज उठाई। सीरीज का चौथा टेस्ट मैच ओल्ड ट्रेफोर्ड में खेला गया। भारत को मैच में जीतने के लिए 547 रनों की जरूरत थी लेकिन पॉली उम्रीगर और अपना टेस्ट डेब्यू करने वाले अब्बास अली बेग के शतकों के बावजूद भारतीय टीम को मैच में 171 रनों की हार मिली।

हालांकि इस दौरे पर सुरिंदर नाथ जो कि एक मध्यम गति के तेज गेंदबाज थे ओल्ड ट्रोफोर्ड में 115 रन देकर 5 विकेट और ओवल के मैदान पर 75 रन देकर 5 विकेट चटकाने का कारनामा किया था। हालांकि उन्हें किसी अन्य गेंदबाज का साथ नहीं मिला और उनसे लेग साइड पर एक चुस्त फिल्डिंग के साथ गेंदबाजी करने को कहा जाता था। उन्होंने तब कुल 203.4 गेंदबाजी की थी जितने भारत के मुख्य स्पिनर सुभाष गुप्ते ने भी नहीं की थी।

सीरीज का परिणाम

  • पहला टेस्ट, ट्रेंट ब्रिज: इंग्लैंड पारी और 59 रन से जीता
  • दूसरा टेस्ट, लॉर्ड्स - इंग्लैंड 8 विकेट से जीता
  • तीसरा टेस्ट, हेडिंग्ले - इंग्लैंड पारी और 173 रन से जीता
  • चौथा टेस्ट, ओल्ड ट्रोफोर्ड - इंग्लैंड 171 रन से जीता
  • पांचवां टेस्ट, केनिंगटन ओवल - इंग्लैंड पारी और 27 रन से जीता

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